
सूरजपुर। जिले में छोटे मूल्य के सिक्कों को लेकर दुकानदारों की मनमानी पर अब प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। 1 और 2 रुपये के सिक्कों को न स्वीकार करने की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद कलेक्टर एस. जयवर्धन ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक ये सिक्के आधिकारिक रूप से प्रचलन से बाहर नहीं होते, तब तक दुकानदारों और व्यापारियों को इन्हें स्वीकार करना अनिवार्य है। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
लगातार मिल रही थीं शिकायतें
प्रशासन को मौखिक रूप से और फोन कॉल्स के जरिए लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि जिले के कई दुकानदार 1 और 2 रुपये के सिक्के लेने से इनकार कर रहे हैं। आम जनता को इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
आरबीआई से स्वीकृत होते हैं सिक्के
प्रचलन में मौजूद सिक्के भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से स्वीकृत होते हैं और इन्हें बैंकों के माध्यम से बाजार में लाया जाता है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति या व्यापारी अपनी मनमर्जी से इन सिक्कों को अमान्य घोषित नहीं कर सकता।
मनमानी पड़ी तो भुगतना होगा अंजाम
कलेक्टर ने चेतावनी देते हुए कहा कि सिक्कों को लेने से इनकार करना कानूनन गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। यह भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 124-ए तथा वर्तमान में लागू भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 152 के अंतर्गत दंडनीय है। इसके तहत दोषियों को 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
व्यापारियों से की गई अपील
प्रशासन ने सभी दुकानदारों और व्यापारियों से अपील की है कि वे 1 और 2 रुपये के सिक्कों को ग्राहकों से स्वीकार करें। जब तक इन सिक्कों को आधिकारिक रूप से प्रचलन से बाहर नहीं किया जाता, तब तक इन्हें लेने से इनकार करना गैरकानूनी है और ऐसा करने पर संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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