
सूरजपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए जा रहे सुशासन तिहार ने जिले में आमजन की उम्मीदों को नया आयाम दिया है। “समाधान पेटी” के माध्यम से लोगों को अपनी समस्याएं सीधे प्रशासन तक पहुंचाने का अवसर मिला है, और जिले भर में इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है। 10 अप्रैल 2025 तक लगभग 23,900 आवेदन समाधान पेटियों में डाले जा चुके हैं, जो जनता के बीच इस अभियान की विश्वसनीयता और प्रभाव को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने स्थानीय स्तर पर लोकतंत्र को और मजबूत करने तथा आम जनता की शिकायतों और आवश्यकताओं को प्राथमिकता से सुनने के उद्देश्य से यह अभिनव पहल की है। इससे न सिर्फ शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है, बल्कि जनता को भी अपनी बात कहने का सशक्त माध्यम मिला है।
गांव-गांव पहुंच रही है पहल की गूंज
सुशासन तिहार के तहत आज ग्राम पंचायत शिवपुर, अधिनापुर, पंपानगर, द्वारिकापुर, केशवनगर, माढर, खैरा, भकुरा, करसु, सोनपुर, सुदामानगर, बतरा, केनापारा एवं धरमपुर सहित कई गांवों में लोगों ने बड़ी संख्या में अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन समाधान पेटी में डाले। इस दौरान अधिकारियों द्वारा व्यवस्थाओं का नियमित निरीक्षण भी किया गया।
आवेदन देने वालों में महिलाओं और बुजुर्गों की भी भागीदारी उल्लेखनीय रही। लोग मनरेगा जॉब कार्ड, विद्युत आपूर्ति, पेयजल समस्या, किसान क्रेडिट कार्ड, पेंशन, आवास, सफाई, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड जैसी विविध समस्याओं को लेकर अपनी बात प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं।
तीन चरणों में चल रहा सुशासन तिहार
राज्य सरकार द्वारा घोषित सुशासन तिहार 2025 तीन चरणों में संचालित हो रहा है:
1. पहला चरण (8-11 अप्रैल 2025): इस दौरान आम जनता से आवेदन लिए जा रहे हैं।
2. दूसरा चरण (अप्रैल-मई 2025): लगभग एक महीने के भीतर प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया जाएगा।
3. तीसरा चरण (5-31 मई 2025): समाधान शिविरों के माध्यम से लोगों को उनके आवेदनों का समाधान दिया जाएगा।
यह अभियान शासन की जनसरोकारों से जुड़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आमजन के बीच जो संवाद का सेतु बना है, वह शासन को जनभावनाओं से सीधे जोड़ने में सफल हो रहा है।
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