सूरजपुर। जिला मुख्यालय के नजदीक के दर्जनों गांवों में पिछले कुछ हफ्तों से बिजली कटौती ने ग्रामीणों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। बारिश की कमी के कारण धान की रोपाई में पहले ही देरी हो रही है और इस पर बिजली कटौती ने किसानों के संकट को और बढ़ा दिया है। बिजली की बार-बार कटौती के चलते निजी संसाधनों से सिंचाई करने वाले किसान भी अब निराश हो रहे हैं।
गांव के स्कूल और कॉलेज के छात्र भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं। पढ़ाई के समय बिजली न होने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्र के छोटे-मोटे व्यवसायी भी बिजली की अनियमित आपूर्ति से प्रभावित हो रहे हैं। उनकी दुकानों और कार्यस्थलों पर बिजली के बिना काम करना मुश्किल हो गया है।
रात के समय बिजली कटौती से ग्रामीणों में सांप-बिच्छू के डर का माहौल बना रहता है। बिजली न होने के कारण गांव में अंधेरा छा जाता है जिससे ग्रामीणों को रात में डर के साए में जीना पड़ता है। इस बारिश के मौसम में बिजली विभाग की मनमानी और अघोषित कटौती से लोगों का जीना दूभर हो गया है।
ग्रामीणों का आक्रोश बिजली विभाग के प्रति बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बिजली विभाग को ज्ञापन सौंपा है, लेकिन अभी तक कोई सुधार देखने को नहीं मिला है। ग्रामीणों का कहना है कि बिना हवा और बारिश के भी घंटों तक बिजली काट दी जाती है, जिससे उनकी समस्याएं और बढ़ जाती हैं।
गांव वालों का कहना है कि यदि जल्द ही बिजली की आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ, तो वे बड़ा आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे। बिजली विभाग की इस लापरवाही से ग्रामीणों की जिंदगी मुश्किलों से घिर गई है और उन्हें जल्द ही राहत की उम्मीद है।