सूरजपुर/राजेश राजवाड़े। शिक्षक दिवस के अवसर पर सूरजपुर जिले के रामनगर गांव स्थित हायर सेकंडरी स्कूल में एक भव्य शिक्षक सम्मान समारोह और सामूहिक भोज (न्यौता भोज) का आयोजन किया गया। इस समारोह का आयोजन गांव के प्रमुख नागरिक बाबूलाल यादव और उनके भाई जगरनाथ यादव द्वारा संकुल स्तर पर किया गया, जिसमें शिक्षकों का सम्मान किया गया और गांव के विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों ने शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट किया।
मुख्य अतिथि का आगमन और कार्यक्रम की शुरुआत
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सरगुजा लोकसभा क्षेत्र के सांसद चिंतामणि महाराज ने शिरकत की। उन्होंने सर्वप्रथम मां सरस्वती और भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छाया चित्र पर माल्यार्पण किया और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। डॉ. राधाकृष्णन का जन्मदिन, जिसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है, हर साल शिक्षकों के प्रति सम्मान और आदर प्रकट करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है।
सेवा निवृत और वर्तमान शिक्षकों का सम्मान
कार्यक्रम में रामनगर संकुल के सभी सेवा निवृत शिक्षकों को शाल और पेन भेंटकर सम्मानित किया गया। सांसद चिंतामणि महाराज ने शिक्षकों के योगदान को सराहा और उन्हें समाज की रीढ़ के रूप में बताया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा, “शिक्षक वह दीपक हैं जो अपनी रोशनी से अज्ञानता के अंधकार को दूर करते हैं और समाज को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करते हैं। सेवा निवृत शिक्षक हमारे लिए आदर्श हैं, जिन्होंने जीवनभर शिक्षा के क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।”
इसके अलावा, रामनगर संकुल के सभी वर्तमान शिक्षकों को भी पेन देकर सम्मानित किया गया। आयोजक बाबूलाल यादव और जगरनाथ यादव ने भी शिक्षकों के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त करते हुए उनके पैर धोकर आशीर्वाद लिया। यह दृश्य देखकर वहां उपस्थित सभी लोग भावुक हो गए और इस सादगीपूर्ण सम्मान को दिल से सराहा।
केक कटिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम
शिक्षक दिवस की खास बात डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन पर केक काटने की परंपरा रही है, जिसे इस आयोजन में भी निभाया गया। सांसद चिंतामणि महाराज ने स्वयं केक काटा और उपस्थित लोगों को खिलाया। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया और विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समारोह की शोभा बढ़ाई। बच्चों की नृत्य और गीतों की प्रस्तुतियों ने पूरे माहौल को उमंग और उल्लास से भर दिया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में बच्चे, उनके अभिभावक, और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बच्चों की प्रतिभा देखने लायक थी। पारंपरिक नृत्यों से लेकर देशभक्ति गीतों तक, हर प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस आयोजन से जहां एक ओर शिक्षकों को सम्मान मिला, वहीं दूसरी ओर बच्चों को अपनी कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने का अवसर भी मिला।
शिक्षा के क्षेत्र में योगदान का आभार
मुख्य अतिथि चिंतामणि महाराज ने अपने संबोधन में कहा, “शिक्षक समाज के निर्माता होते हैं। उनके बिना किसी भी समाज या राष्ट्र का विकास संभव नहीं है। शिक्षक न केवल बच्चों को पढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं। शिक्षकों का योगदान अतुलनीय है और हमें सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए।” उन्होंने शिक्षा को सशक्तिकरण का सबसे सशक्त माध्यम बताया और कहा कि हमें शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति की दिशा में कार्य करना चाहिए।
सांसद महाराज ने यह भी कहा कि सरकार भी शिक्षकों की भलाई के लिए कई योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू कर रही है, जिससे उन्हें उचित सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वह शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
शिक्षक दिवस का महत्व
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के योगदान को याद करते हुए सांसद चिंतामणि महाराज ने कहा कि शिक्षक दिवस एक ऐसा अवसर है जब हम शिक्षकों के प्रति अपने कृतज्ञता भाव को व्यक्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज हम जहां भी हैं, उसमें हमारे शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान है। उनके बिना समाज का कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता।
स्थानीय जनसमुदाय का समर्थन
इस आयोजन में रामनगर संकुल के अंतर्गत आने वाले सभी स्कूलों के सैकड़ों बच्चे और उनके पालक शामिल हुए। कार्यक्रम के बाद आयोजित सामूहिक भोज ने समूचे गांव को एकजुट किया। स्थानीय ग्रामीणों ने आयोजन के प्रति अपने उत्साह और समर्थन को व्यक्त किया। ग्रामीणों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह सम्मान समारोह शिक्षकों के प्रति गांव के लोगों के गहरे आदर का प्रतीक है।
समारोह में उपस्थित सेवा निवृत और वर्तमान शिक्षकों ने भी इस पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “इस तरह के आयोजन से हमें यह महसूस होता है कि हमारे द्वारा किए गए कार्यों की समाज में कितनी सराहना होती है। यह पल हमारे लिए जीवनभर यादगार रहेगा।”
रामनगर हायर सेकंडरी स्कूल में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह न केवल एक औपचारिक आयोजन था, बल्कि यह शिक्षकों के प्रति आभार और आदर व्यक्त करने का सजीव उदाहरण भी था। इस आयोजन ने शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया और समाज के सभी वर्गों को एक साथ लाने में सफल रहा। शिक्षक समाज के आधार स्तंभ होते हैं, और ऐसे आयोजनों के माध्यम से उन्हें सम्मानित करना हमारी जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम के अंत में सभी लोगों ने इस अवसर पर गांव के युवाओं के लिए प्रेरणादायक संदेश दिया और इस बात पर जोर दिया कि शिक्षकों का सम्मान सदैव किया जाना चाहिए, क्योंकि वे ही समाज को सही दिशा देने वाले प्रमुख स्तंभ हैं।