
अम्बिकापुर। घरेलू कलह से जूझ रहे 12 विवाहित जोड़ों के बीच सरगुजा पुलिस के परिवार परामर्श केंद्र ने तीन चरणों की काउंसलिंग के ज़रिए आपसी सुलह कराई। महिला थाना परिसर स्थित इस केंद्र में पेश हुए विवादित मामलों को संवेदनशीलता से सुनते हुए प्रशिक्षित काउंसलरों और पुलिस अधिकारियों ने सकारात्मक संवाद के ज़रिए रिश्तों को फिर से जोड़ने का प्रयास किया, जो काफी हद तक सफल रहा।
घरेलू विवादों में उलझे थे दंपति
पुलिस के अनुसार, महिला थाना अंतर्गत कुल 12 विवाहित जोड़ों की काउंसलिंग की गई। इनमें अधिकतर मामले छोटे-छोटे आपसी मनमुटाव और संचार की कमी के कारण उत्पन्न हुए थे। प्रशिक्षित काउंसलर्स की टीम ने दोनों पक्षों की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और उन्हें एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझने के लिए प्रेरित किया। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप सभी मामलों में आपसी सहमति बनी और विवाद की स्थिति खत्म हो गई।
एसएसपी के निर्देश पर हुआ त्वरित समाधान
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश अग्रवाल (भा.पु.से.) के निर्देश पर महिला थाना प्रभारी को यह सुनिश्चित करने कहा गया था कि विवाद की स्थिति में आए विवाहित जोड़ों की त्वरित काउंसलिंग हो और रिश्तों का स्थायी समाधान खोजा जाए। इसी दिशा में परामर्श केंद्र की टीम ने कार्य करते हुए 12 मामलों का समाधान किया, जिससे यह साबित हुआ कि संवाद और समझदारी से बड़ी से बड़ी पारिवारिक समस्या का समाधान संभव है।
काउंसलिंग टीम ने निभाई अहम भूमिका
परामर्श सत्रों के दौरान महिला थाना प्रभारी उप निरीक्षक सुनीता भारद्वाज, काउंसलर मीरा शुक्ला, आशा उपाध्याय, प्रधान आरक्षक संतोष गुप्ता, महिला आरक्षक रीना दास, दिव्या, तथा आरक्षक किशोर तिवारी की सक्रिय भागीदारी रही। उनकी समर्पित कोशिशों से परामर्श केंद्र में आए सभी दंपतियों ने सहमति से एक साथ रहने का फैसला लिया।
सरगुजा पुलिस की सराहनीय पहल
घरेलू विवादों के बढ़ते मामलों के बीच सरगुजा पुलिस द्वारा संचालित यह परामर्श केंद्र सामाजिक सौहार्द और पारिवारिक स्थिरता की दिशा में एक सफल प्रयोग साबित हो रहा है। यह न केवल न्याय का विकल्प बन रहा है, बल्कि परिवारों को टूटने से भी बचा रहा है।