
बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से भ्रष्टाचार का ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। मामला फरवरी 2024 का है। फरवरी का महीना दुनिया भर में 28 और लीप ईयर में 29 दिनों का होता है, लेकिन यहां महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसे 30 दिन का बना डाला। इसी फर्जी तारीख पर लाखों रुपये के बिल पास कर भुगतान तक कर दिए गए। मामला सामने आने पर एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।
डौंडी परियोजना के तहत मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई। जिन जोड़ों का विवाह हुआ ही नहीं, उनकी संख्या कागजों में बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई गई। वहीं श्रृंगार सामग्री की खरीदी भी दिखलाई गई, लेकिन दुकानों के नाम देखकर लोग दंग रह गए। दरअसल, लिपस्टिक और सिंदूर जैसे सामानों की खरीदी सीमेंट की दुकानों से दर्शाई गई थी।
आरटीआई से उजागर हुए दस्तावेजों में एक और बड़ा खेल सामने आया। सरकारी भुगतान पहले निजी खातों में भेजा गया और फिर फोन-पे जैसे डिजिटल ऐप्स के जरिए आगे ट्रांसफर कर दिया गया। इस गड़बड़ी ने साफ कर दिया है कि मामला सिर्फ लापरवाही का नहीं, बल्कि सुनियोजित भ्रष्टाचार का हिस्सा है।
इस पूरे प्रकरण का खुलासा तब हुआ जब एक स्थानीय नागरिक ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जानकारी मांगी। विभाग द्वारा दिए गए दस्तावेजों में फरवरी की 30 तारीख दर्ज देखकर लोग हैरान रह गए। अब यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।
वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दस्तावेजों की जांच की जा रही है और यदि भ्रष्टाचार की पुष्टि होती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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