
जशपुर। स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही अब नहीं चलेगी। कलेक्टर रोहित व्यास ने जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में साफ कहा “जो कर्मचारी काम नहीं करेंगे, उन्हें वेतन नहीं मिलेगा और उन पर निलंबन की कार्रवाई होगी।” फरसाबहार विकासखंड में टीबी कार्यक्रम की धीमी ऑनलाइन एंट्री पर नाराजगी जताते हुए कलेक्टर ने जिम्मेदार सीएचओ और आरएचओ के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर विशेष ध्यान
कलेक्टर ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और मातृ-शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रसव के बाद मां और शिशु को कम से कम 48 घंटे अस्पताल में निगरानी में रखा जाए, ताकि कोई अनहोनी न हो। मितानिनों को सक्रिय करते हुए हर प्रसव की साप्ताहिक रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए गए।
आयुष्मान योजना का लाभ हर मरीज तक पहुँचे
कलेक्टर ने आयुष्मान योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि हर पात्र मरीज को इस योजना का लाभ दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों के आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं, उनका जल्द से जल्द कार्ड बनवाया जाए। इलाज के समय आयुष्मान योजना का तत्काल उपयोग हो, इसकी भी मॉनिटरिंग हो।
108 और 102 एम्बुलेंस सेवाओं में लापरवाही नहीं चलेगी
बैठक में 108 और 102 एम्बुलेंस सेवाओं की समीक्षा भी की गई। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि गंभीर मरीजों को समय पर एम्बुलेंस की सुविधा दी जाए, खासकर रात के समय किसी भी आपात स्थिति में देरी नहीं होनी चाहिए।
बुनियादी सुविधाओं में तेजी लाने के निर्देश
जिन स्वास्थ्य केंद्रों में विद्युत आपूर्ति की समस्या है या एप्रोच रोड नहीं है, वहां तत्काल सुधार के आदेश दिए गए। खास तौर पर पत्थलगांव और जशपुर विकासखंड के केंद्रों में बिजली और आधारभूत सुविधाएं जल्द बहाल करने की बात कही गई। इसके साथ ही जशपुर जिले के 230 बिस्तर अस्पताल का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश भी दिए गए।
विशेष जनजातियों के लिए स्वास्थ्य शिविर
कलेक्टर ने पहाड़ी कोरवा जैसे विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर बेहतर इलाज उपलब्ध कराने को कहा। जनमन योजना के तहत इन्हें प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए।
गर्भवती माताओं के लिए योग और पोषण पर ज़ोर
आईटी बॉम्बे प्रोजेक्ट के तहत गोद ली गई गर्भवती माताओं को स्तनपान की जानकारी, पोषण और योग अभ्यास के माध्यम से स्वस्थ डिलीवरी की तैयारी कराई जा रही है।
मरीजों की निगरानी और आंकड़ों की अनिवार्यता
कलेक्टर ने सिकल सेल, थैलेसीमिया और मानसिक रोगियों के चिन्हांकन व इलाज पर विशेष जोर दिया। दंत चिकित्सकों को प्रतिदिन के चेकअप की रजिस्टर में नियमित एंट्री और मानसिक रोगियों के लिए काउंसलिंग अनिवार्य करने के निर्देश दिए।
लापरवाह कर्मचारियों पर होगी सख्त कार्रवाई
कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बिना कार्य किए वेतन लेने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी स्वास्थ्य योजनाओं की हर हफ्ते मॉनिटरिंग होगी और प्रदर्शन के आधार पर ही जिम्मेदारी तय की जाएगी।
इसे भी पढ़ें –