
सूरजपुर। जिले के प्रतापपुर विकासखंड के एक दूरस्थ गांव में दो सगी जुड़वां बहनों के बाल विवाह को जिला प्रशासन की तत्परता से समय रहते रोक दिया गया। यह कार्रवाई सूरजपुर कलेक्टर एस. जयवर्धन के निर्देशन और जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू के मार्गदर्शन में की गई।
ग्रामीणों से मिली सूचना के आधार पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने मामले की जांच के निर्देश दिए। सत्यता की पुष्टि होने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी को अवगत कराया गया। तत्पश्चात एक संयुक्त टीम तत्काल मौके के लिए रवाना हुई।
विवाह की चल रही थी जोर-शोर से तैयारी
संयुक्त टीम जब गांव पहुंची तो वहां जुड़वां बहनों के विवाह की तैयारियां अंतिम चरण में थीं। लग्न पत्रिका छप चुकी थी, न्योते बांटे जा चुके थे, और 14 अप्रैल को विवाह तय था। जब टीम ने परिजनों से चर्चा की तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब शादी रुकना संभव नहीं है।
कानूनी जानकारी देने पर माने परिजन
टीम ने परिजनों को बाल विवाह निषेध अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि अगर यह विवाह होता है तो एक लाख रुपये का जुर्माना और दो वर्ष तक की जेल हो सकती है। साथ ही, दूल्हों पर पॉक्सो एक्ट के तहत भी कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि दोनों बालिकाओं की उम्र 18 वर्ष पूरी होने में अभी 3.5 महीने शेष है।
इस समझाइश और कानूनी चेतावनी के बाद परिजनों ने सहमति जताई कि अब दोनों बहनों का विवाह 18 वर्ष की उम्र पूर्ण होने के बाद ही किया जाएगा।
गांव को बाल विवाह मुक्त पंचायत बनाने की अपील
मौके पर पंचनामा तैयार किया गया, पिता का शपथ-पत्र और बालिकाओं के कथन लिए गए। सरपंच को सलाह दी गई कि गांव को बाल विवाह मुक्त पंचायत घोषित किया जाए। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि गांव में हर विवाह का पंजीयन हो, और नाबालिगों की शादी को समय रहते रोका जाए। सरपंच ने भरोसा दिलाया कि वे ग्रामीणों को जागरूक करेंगे और कानून का पालन सुनिश्चित करेंगे। किसी भी उल्लंघन की स्थिति में 1098, 181, 112 अथवा बाल संरक्षण अधिकारी को सूचना दी जाएगी।
टीम में ये रहे शामिल
इस महत्वपूर्ण अभियान में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, सामाजिक कार्यकर्ता अंजनी साहू, पर्यवेक्षक सूरजमती बघेल, आउटरीच वर्कर पवन धीवर, चाइल्डलाइन की काउंसलर कु. शीतल सिंह, केस वर्कर रमेश साहू, प्रधान आरक्षक हंस राम कडेरिया, महिला आरक्षक लता सिंह, सरपंच इंद्रमणी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इंद्रकुमारी, फुलमती और अनेक ग्रामीण उपस्थित थे।
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