हमर गांव म जब खेती बाड़ी होवय तव पहिली ले का धान लगाना हे तव गांव भर गोठ बात हो जाय अब तो सब्बो ह नदा गे!
!! नदा गैइस !!
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कहां नदा गे
मोर बोली अऊ भाखा।
कहां नदा गे संगवारी
अंतस के पीरा ल
कैइसे बतावअव
बबा ह देवत हे गारी।।1
कहां नदा गे…
बाउग नदा गे
नागर तुतारी
क़िसम किसम के धान ह
अर तता के गोठ नदा गे
बैइला अऊ भैस के कोठारी।।2
कहां नदा गे…
खुर्रा नदा गे
बियाशी नदा गे
नदा गे हे सब रखवारी
पारा म कोई पहचानय नही
रद्दा के वो बनिहारी।।3
कहां नदा गे..
निदाई नदा गे
नदा गे हे पार के चोरवा
रद्दा म कोई दिखत नई ये
दिखत नई ये सारा सारी।।4
कहां नदा गे…..
करगा नदा गे
नदा गे हे भादो के पानी।
बेरा देखयइया कोनो नई हावय
थरहा लगइया के पारी।।5
कहां नदा गे….
करपा नदा गे
नदा गेहे दौरी के मिसाई।
बेलन चढ़इया कोनो नई हे
हो गय हे सबके सब गवारीं।।6
कहां नदा गे….