शिक्षक भर्ती में देरी से नाराज प्रशिक्षित युवाओं की रैली, 15 सितंबर तक भर्ती प्रक्रिया शुरू न होने पर आंदोलन की चेतावनी


अम्बिकापुर/राजेश राजवाड़े। छत्तीसगढ़ में बहुप्रतीक्षित 33 हजार शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ ने शिक्षक दिवस पर बड़े पैमाने पर रैली निकालने की घोषणा की है। इस रैली में राज्य के 33 जिलों से बड़ी संख्या में प्रशिक्षित युवाओं के शामिल होने की संभावना है। संघ का कहना है कि वे 15 सितंबर तक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग करेंगे, अन्यथा 21 सितंबर को राजधानी रायपुर में उग्र आंदोलन करेंगे।

शिक्षक भर्ती की मांग और सरकार से असंतोष

छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ के सरगुजा जिलाध्यक्ष आदित्य कुमार बारीक ने बताया कि प्रदेश के लाखों डीएड और बीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी लंबे समय से शिक्षक भर्ती की प्रतीक्षा कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के घोषणा-पत्र में 57 हजार शिक्षकों की भर्ती का वादा किया गया था, जिसके आधार पर इन प्रशिक्षित युवाओं ने भाजपा का समर्थन किया। इसके बाद विधानसभा के प्रथम सत्र में तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने 33 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी, लेकिन अब तक इस प्रक्रिया को शुरू नहीं किया गया है।

रैली और ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम

रैली कलाकेंद्र मैदान से शुरू होकर घड़ी चौक तक पहुंचेगी, जहां कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस ज्ञापन के माध्यम से 15 सितंबर तक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग की जाएगी, अन्यथा 21 सितंबर को राजधानी रायपुर में उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी जाएगी। जिलाध्यक्ष ने सरगुजा जिले के सभी प्रशिक्षित युवाओं से इस रैली में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने का आह्वान किया है।

शिक्षक भर्ती को लेकर राजनीति और युक्तियुक्तकरण का विवाद

भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही उम्मीद की जा रही थी कि शिक्षक भर्ती जल्द ही होगी, खासकर लोकसभा चुनाव से पहले। तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी, जिसके बाद प्रशिक्षित युवाओं ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं। लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मंत्री के इस्तीफे के बाद से भर्ती प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई।

इस बीच, सरकार ने युक्तियुक्तकरण के नाम पर प्रदेश के हजारों स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया, जिससे शिक्षक भर्ती की आवश्यकता को टाला जा सके। लेकिन शिक्षक संगठनों के विरोध के बाद सरकार ने इस निर्णय को फिलहाल स्थगित कर दिया है। प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ इस युक्तियुक्तकरण को स्थायी रूप से समाप्त करने और जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहा है। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।


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