अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिला कलेक्टर विलास भोसकर की अध्यक्षता में गुरुवार को आदिवासी विकास विभाग की बैठक संपन्न हुई। बैठक में कलेक्टर भोसकर ने निर्माणाधीन विद्यालय, छात्रावास एवं आश्रम भवनों की प्रगति की जानकारी ली, साथ ही मरम्मत कार्यों की भी समीक्षा की। बैठक में निर्माणाधीन प्रयास आवासीय विद्यालय अम्बिकापुर, बालक आश्रम बांसाझाल, प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास केदमा, प्री मैट्रिक बालक छात्रावास लक्ष्मणगढ़, और सखौली, पहाड़ी कोरवा आवासीय विद्यालय घंघरी, सहित विभिन्न विभागीय निर्माण और मरम्मत कार्यों की जानकारी कलेक्टर ने ली। बैठक में सहायक आयुक्त डीपी नागेश ने बताया कि एकलव्य आदर्श कन्या आवासीय विद्यालय, जो वर्तमान में घंघरी में संचालित है, इसे जून माह में ही विद्यालय के लिए शिवपुर बतौली विकासखंड में निर्मित नवीन भवन में शिफ्ट कर दिया जायेगा। जहां बच्चों को बेहतर आवासीय सुविधाएं मिल सकेंगी।कलेक्टर भोसकर ने बैठक में कहा कि सरगुजा आदिवासी बहुल जिला है जहां आदिवासी बच्चों के बेहतर भविष्य की दिशा में काम करने का मौका मिलता है। इस मौके को जरूर उनकी भलाई के लिए काम लाएं। कलेक्टर भोसकर ने बैठक में प्रयास एवं एकलव्य विद्यालयों में छात्र छात्राओं के परीक्षा परिणामों की जानकारी ली। उन्होंने बैठक में सख्त निर्देशित करते हुए कहा कि कन्या आश्रम एवं छात्रावासों में बिना अनुमति के किसी पुरुष स्टाफ या अधिकारी द्वारा प्रवेश नहीं किया जायेगा। निरीक्षण के दौरान महिला अधिकारी अथवा कर्मचारी की मौजूदगी सुनिश्चित करनी होगी।
कलेक्टर भोसकर ने बैठक में कहा कि सरगुजा आदिवासी बहुल जिला है जहां आदिवासी बच्चों के बेहतर भविष्य की दिशा में काम करने का मौका मिलता है। इस मौके को जरूर उनकी भलाई के लिए काम लाएं। कलेक्टर भोसकर ने बैठक में प्रयास एवं एकलव्य विद्यालयों में छात्र छात्राओं के परीक्षा परिणामों की जानकारी ली। उन्होंने बैठक में सख्त निर्देशित करते हुए कहा कि कन्या आश्रम एवं छात्रावासों में बिना अनुमति के किसी पुरुष स्टाफ या अधिकारी द्वारा प्रवेश नहीं किया जायेगा। निरीक्षण के दौरान महिला अधिकारी अथवा कर्मचारी की मौजूदगी सुनिश्चित करनी होगी।उन्होंने स्वास्थ्य विभाग तरह ही आदिवासी विकास विभाग में भी बच्चों एवं परिजनों के लिए टोल फ्री नंबर जारी करने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग को निर्देशित किया। इस टोल फ्री नंबर पर आश्रम या छात्रावासों में रहने वाले बच्चे और उनके परिजन किसी भी तरह की समस्या या सूचना की जानकारी देने संपर्क कर सकते हैं। हर तीन माह में इसकी समीक्षा भी की जाएगी। इसी तरह उन्होंने हर छात्रावास और आश्रम भवनों में जिला कलेक्टर, एसपी, सहायक आयुक्त, अनुविभाग के एसडीएम और मंडल संयोजकों के फोन नंबर अद्यतन रखने के निर्देश दिए।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग तरह ही आदिवासी विकास विभाग में भी बच्चों एवं परिजनों के लिए टोल फ्री नंबर जारी करने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग को निर्देशित किया। इस टोल फ्री नंबर पर आश्रम या छात्रावासों में रहने वाले बच्चे और उनके परिजन किसी भी तरह की समस्या या सूचना की जानकारी देने संपर्क कर सकते हैं। हर तीन माह में इसकी समीक्षा भी की जाएगी। इसी तरह उन्होंने हर छात्रावास और आश्रम भवनों में जिला कलेक्टर, एसपी, सहायक आयुक्त, अनुविभाग के एसडीएम और मंडल संयोजकों के फोन नंबर अद्यतन रखने के निर्देश दिए।उन्होंने मंडल संयोजकों को हर माह विभिन्न पहलुओं जैसे स्वच्छता, भोजन, बच्चों की आवासीय सुविधा आदि पर निरीक्षण कर मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। उन्होंने यह भी बताया कि जिला एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को 2-2 पंचायतों का नोडल बनाया जा रहा है, जो प्रभार दिए गए पंचायत में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सहित विभिन्न बिंदुओं पर निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। बैठक में आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी, सीईओ जनपद पंचायत, प्राचार्य, मंडल संयोजक, छात्रावास अधीक्षक सहित संबंधित कर्मचारी उपस्थित रहे।
उन्होंने मंडल संयोजकों को हर माह विभिन्न पहलुओं जैसे स्वच्छता, भोजन, बच्चों की आवासीय सुविधा आदि पर निरीक्षण कर मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। उन्होंने यह भी बताया कि जिला एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को 2-2 पंचायतों का नोडल बनाया जा रहा है, जो प्रभार दिए गए पंचायत में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सहित विभिन्न बिंदुओं पर निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। बैठक में आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी, सीईओ जनपद पंचायत, प्राचार्य, मंडल संयोजक, छात्रावास अधीक्षक सहित संबंधित कर्मचारी उपस्थित रहे।