
रायपुर। छत्तीसगढ़ की जनता के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अक्टूबर से बिजली बिल पर सीधी राहत मिलने वाली है। हाल ही में लागू हुए GST 2.0 सुधारों का असर अब आम उपभोक्ताओं की जेब पर दिखेगा। कोयले पर कंपनसेशन सेस (क्षतिपूर्ति उपकर) खत्म होने के बाद बिजली उत्पादन लागत घटेगी, जिसका फायदा सीधे उपभोक्ताओं को मिलेगा।
जानकारी के मुताबिक, बिजली बिलों में 11 पैसे प्रति यूनिट तक की कमी दर्ज होगी। यानी हर महीने खपत के हिसाब से उपभोक्ताओं को कुछ न कुछ बचत होगी। यह राहत ऐसे समय में आई है जब ‘बिजली बिल हाफ योजना’ खत्म होने के बाद लोगों में असंतोष साफ झलक रहा था।
बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि पहले कोयले पर 400 रुपये प्रति टन का कंपनसेशन सेस वसूला जाता था। अब इस सेस को पूरी तरह हटा दिया गया है और उस पर 18% जीएसटी लागू किया गया है। इससे छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी को 152 रुपये प्रति टन तक सस्ता कोयला मिलेगा। नतीजतन बिजली उत्पादन लागत कम होगी और उपभोक्ताओं को 11 पैसे प्रति यूनिट की राहत दी जाएगी।
कंपनसेशन सेस दरअसल एक अतिरिक्त टैक्स था, जिससे उन राज्यों को क्षतिपूर्ति दी जाती थी जिन्हें जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व में घाटा हुआ था। इसके हटने और नई दरें लागू होने से छत्तीसगढ़ के उपभोक्ताओं को सीधी राहत मिलनी तय है।