
नई दिल्ली। देशभर में मानसून का असर एक बार फिर तेज होने जा रहा है। सितंबर के अंतिम दिनों में मौसम विभाग (IMD) ने कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 27 से 30 सितंबर तक उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक लगभग पूरे भारत में बादल जमकर बरस सकते हैं। इस दौरान कई इलाकों में तेज हवाएं, आंधी-तूफान और बिजली गरजने की भी संभावना है।
मौसम विभाग का कहना है कि इस बार मानसून ने अपनी रफ्तार बनाए रखी है। जून में दस्तक देने के बाद से अब तक अधिकांश राज्यों में औसत से बेहतर बारिश दर्ज की गई है। नदियां, तालाब और बांध लबालब हो चुके हैं। वहीं सितंबर के अंत तक भी इसका असर जारी रहने से किसानों और ग्रामीण इलाकों को राहत मिलने की उम्मीद है, हालांकि शहरी इलाकों में जलभराव और यातायात प्रभावित होने जैसी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।
उत्तरपश्चिम भारत में मानसून एक बार फिर सक्रिय होने जा रहा है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अगले चार दिनों तक कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। यहां कहीं हल्की से मध्यम तो कहीं तेज बारिश हो सकती है। तेज हवाओं और बिजली गिरने की घटनाओं के प्रति भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
पूर्वी और मध्य भारत भी इस दौर में भारी बारिश का सामना करेगा। मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, छत्तीसगढ़ और विदर्भ के कई हिस्सों में मौसम बिगड़ने की संभावना है। इन राज्यों में कहीं-कहीं झमाझम तो कई जगह रुक-रुककर बारिश का सिलसिला चल सकता है। खेतों और फसलों के लिए यह बारिश फायदे का सौदा साबित हो सकती है।
पश्चिम भारत में महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात-सौराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र में 27 से 30 सितंबर तक भारी बारिश और तेज हवाओं का असर दिखेगा। समुद्री तटीय क्षेत्रों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है।
दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, यनम और लक्षद्वीप में भी बादल जमकर बरस सकते हैं। कुछ इलाकों में हल्की रिमझिम होगी तो कई जगहों पर तेज बारिश लोगों की परेशानी बढ़ा सकती है।
उत्तरीपूर्व भारत के राज्यों में भी मानसून सक्रिय रहेगा। मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और नागालैंड में 27 से 30 सितंबर तक लगातार बारिश का अलर्ट है। यहां कई जिलों में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
मौसम विभाग का साफ कहना है कि लोगों को इस दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है। जलभराव, बिजली गिरने और पेड़ गिरने जैसी घटनाओं की आशंका बनी रहेगी। वहीं किसानों के लिए यह बारिश लाभकारी होगी क्योंकि खेतों में नमी बनी रहेगी और खरीफ फसलों को मजबूती मिलेगी।