Rakasganda Waterfall: बारिश का मौसम शुरू होते ही छत्तीसगढ़ में चारों ओर हरियाली छा गई है। जंगल और पहाड़ों पर पेड़-पौधे हरियाली की चादर ओढ़े नजर आ रहे है। वहीं बारिश के बाद नदी, नाले और झरनों की खूबसूरती भी देखते ही बन रही है, यही वजह है कि इन दिनों पर्यटक प्राकृतिक नजारे देखने के लिए अपने घरों से बाहर निकलकर सैर सपाटा कर रहे है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के सूरजपुर (Surajpur) जिले के रकसगंडा वाटरफॉल की चर्चा करना जरूरी हो जाता है, क्योंकि यहां छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पर्यटक भी झरने को देखने पहुंच रहे है। इस आर्टिकल में हम आपको रकसगंडा वाटरफॉल के बारे में बताएंगे।
रकसगंडा वाटरफॉल (Rakasganda Waterfall) छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में स्थित है। ये जगह जिला मुख्यालय से लगभग 120 किलोमीटर दूर नवगई गांव में है। रकसगंडा वाटरफॉल, रेण नदी पर बनती है। बता दें कि रकसगंडा वाटरफॉल, रेण नदी पर पत्थरों के बीच से नीचे गिरती है। जिस जगह पर रकसगंडा वाटरफॉल स्थित है, वहां नदी में दूर-दूर तक सिर्फ पत्थर ही पत्थर है। जो वहां घूमने के लिए पहुंचे पर्यटकों के लिए अलग अनुभव बन जाता है। इस जगह पर सालभर सैलानियों का आगमन होता रहता है। मकर संक्रांति के मौके पर रकसगंडा वाटरफॉल के नजदीक मेला लगता है। जिसमे शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ समेत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लोग भी पहुंचते है।
बता दें कि, रकसगंडा वाटरफॉल (Rakasganda Waterfall), सूरजपुर (Surajpur) जिले के दूरस्थ अंचल ओडगी ब्लॉक अंतर्गत बिहारपुर क्षेत्र में है। जो जिले के सीमावर्ती इलाका है। जहां रकसगंडा वाटरफॉल स्थित है। वहां से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का सिंगरौली जिला और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का सोनभद्र जिला लगा हुआ है। यही वजह है कि इन दोनों पड़ोसी राज्यों से भी सैलानियों का आना जाना लगा रहता है। इसके अलावा नजदीक में ही बलरामपुर (Balrampur) जिले की सीमा है। चूंकि रकसगंडा वाटरफॉल, वनांचल इलाका में है। इसलिए यहां विशेष संरक्षित जनजाति पण्डो समाज की बहुलता है। यहां के पण्डो समाज के बच्चे तीर धनुष लेकर रकसगंडा वाटरफॉल (Rakasganda Waterfall) के नजदीक पहुंचते है और मछलियां पकड़ने के साथ ही वहां आए लोगों को तीर धनुष से परिचित कराते है।
रकसगंडा वाटरफॉल (Rakasganda Waterfall) में घूमने के लिए ठंडी, गर्मी और बरसात.. तीनों मौसम अनुकूल है। हालांकि बरसात के मौसम में नदी के भरने की वजह से खतरा रहता है, लेकिन दूर से वाटरफाल की खूबसूरती को निहारा जा सकता है। इस जगह पर लापरवाही की वजह से कई हादसे भी हो चुके है, इसलिए प्रशासन द्वारा बारिश और भीड़भाड़ के दिनों में वहां सुरक्षा के लिए जवानों की तैनाती की जाती है। नए साल के मौके पर रकसगंडा वाटरफॉल को देखने के लिए हर रोज सैकड़ों लोग पहुंचते है। ये समय रकसगंडा वाटरफॉल घूमने के लिए ज्यादा बेस्ट माना जाता है।
रकसगंडा वाटरफॉल (Rakasganda Waterfall) तक बाइक व कार के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है। वहीं पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध है। अगर आप यहां पिकनिक, पार्टी मनाना चाहें तो नजदीक में बिहारपुर (Biharpur) है। जहां से सभी जरूरत की चीजें खरीद सकते हैं। वनांचल इलाका होने की वजह से रकसगंडा वाटरफॉल के चारों ओर पहाड़ों और पेड़ों की हरियाली नजर आती है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।